लहजा – रोहिणी भाटे
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लहजा
रोहिणी भाटे
शास्त्रीय नृत्य-जगत में दशकों तक रोहिणी भाटे एक सुदीक्षित प्रयोगशील कथक नर्तकी, प्रसिद्ध कथक-गुरु और कथक के विभिन्न पक्षों पर विचारशील आलोचक के रूप में सुप्रतिष्ठित थीं। उनके काम का विशेष महत्त्व इसलिए भी है कि उन्होंने विचार और प्रयोग के स्तर पर कथक को प्राचीन शास्त्र-परम्परा से जोड़कर उसमें नई छाया और प्रासंगिकता उत्पन्न की। उनके समय-समय पर व्यक्त विचार, अनुभव और विश्लेषण ‘लहजा’ में एकत्र हैं और उन्हें हिन्दी में प्रस्तुत कर नृत्यप्रेमी रसिकों और कथक जगत् को एक अनूठा उपहार दिया जा रहा है।
—अशोक वाजपेयी।
पृष्ठ-340 रु999
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उजाले की ओर
₹50.00 Add to cartउजाले की ओर
आर पी गांधी
श्री आर पी गांधी के प्रिय मित्र साथी नन्दलाल पिता मंगल सैन माँ बुल्दवती की पाँचवी संतान जन्म तिथि 16-1-1938, का जन्म गाँव भेरा जिला सरगोधा में हुआ। पाँच बहन और दो भाई थे। शिक्षा केवल पाँचवी
तक परंतु अच्छे वक्ता, सोच वैज्ञानिक मजदूरों के हक के लड़ाई में चार बार जेल यात्रा की, जीवन के हर उतार चड़ाव में मजबूती से आगे बड़े, परिवार की पूरी जिम्मेदारी को निभाते हुए समाजिक उन्नति के लिए पूरा संघर्ष किया
अब भी अपने दायित्व को ईमानदारी से निभा रहें हैं। तर्कशील सोसाइटी यमुनानगर के मुख सदस्य रहे और कोश अध्यक्ष के दायित्व को ईमानदारी से निभाया।Tarksheel / Tarkshil
रु 50
Category: Hindi Books / हिन्दी पुस्तकें₹50.00 -
ब्रह्मांड के बड़े सवालों के संक्षिप्त जवाब
Rated 5.00 out of 5₹350.00 Add to cartब्रह्मांड के बड़े सवालों के संक्षिप्त जवाब
स्टीफ़न हॉकिंग
दुनिया के प्रसिद्ध ब्रह्मांड विज्ञानी और अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम के लेखक के ब्रह्मांड के सबसे बड़े प्रश्नों पर व्यक्त अंतिम विचार उनकी इस मरणोपरांत प्रकाशित पुस्तक में दिए गए हैं।
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई? क्या मानवता पृथ्वी पर अस्तित्व में रहेगी? क्या सौर मंडल से भी ज्यादा बौद्धिक जीवन कोई है? क्या आर्टिफ़िशल इंटेलिजेंस हमें नियंत्रित करेगा?
अपने असाधारण करिअर में स्टीफन हॉकिंग ने ब्रह्मांड के प्रति हमारी समझ को और अधिक विस्तार दिया है तथा कई रहस्यों को उजागर किया है। लेकिन फिर भी ब्लैक होल्स, काल्पनिक समय और विभिन्न इतिहास-काल पर उनका सैद्धान्तिक कार्य उनकी सोच को अंतरिक्ष के गूढ़तम स्तर तक ले जाता है। हॉकिंग मानते थे कि पृथ्वी पर जो भी समस्याएं हैं, उनको हल करने में विज्ञान महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अब हम इन विनाशकारी बदलावों का सामना कर रहे हैं – जैसे पर्यावरण में बदलाव, परमाणु युद्ध की चुनौती और आर्टिफ़िशल सुपर इंटेलिजेंस का विकास। स्टीफ़न हॉकिंग सबसे अहम और मानवता के लिए अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी बात कह रहे हैं।
मानव के रूप में हम जो चुनौती अपने समक्ष पाते हैं और ये पृथ्वी किस दिशा में बढ़ रही है, उस बारे में लेखक के निजी विचार इस पुस्तक में दिए गए हैं।
स्टीफ़न हॉकिंग एक उत्कृष्ट सैद्धांतिक भौतिकविद और दुनिया के सबसे महान विचारकों में से एक माने जाते थे। वे तीस वर्षों तक केम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफ़ेसर रहे और साथ ही वे दुनिया की बेस्टसेलर पुस्तक ‘अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम’ के लेखक भी हैं।
सामान्य पाठकों के लिए उनकी अन्य पुस्तकों में शामिल हैं ‘अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम’, निबंध संकलन ‘ब्लैक होल्स एंड बेबी यूनिवर्सिस’, ‘द युनिवर्स इन अ नटशेल’, ‘द ग्रैंड डिज़ाइन’ और ‘ब्लैक होल्स : द बीबीसी राइथ लैक्चर्स’।उन्होंने अपनी बेटी लूसी हॉकिंग के साथ बच्चों की पुस्तकें भी लिखी हैं, जिनमें पहली पुस्तक थी ‘जॉर्जिस सीक्रेट की टु द यूनिवर्स’ । 14 मार्च 2018 को उनका देहांत हो गया।
डिलीवरी पर नकद / ऑनलाइन पेमेंट उपलब्ध
पृष्ठ 212 रु350₹350.00 -
परोपकारी बिजनेसमैन अजीम प्रेमजी
₹300.00 Add to cartपरोपकारी बिजनेसमैन अजीम प्रेमजी
एन. चोक्कन
24 जुलाई, 1945 को जनमे हाशिम प्रेमजी अमेरिका की स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में जब विद्युत् इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तभी पिता के अचानक निधन के कारण उन्हें स्वदेश लौटकर पारिवारिक व्यवसाय सँभालना पड़ा। उनके व्यापारिक कौशल और योग्यता के बल पर विप्रो ने अनेक क्षेत्रों में कार्य विस्तार किया। प्रसाधन तथा अन्य घरेलू सामग्री में अग्रणी विप्रो आज कंप्यूटर के क्षेत्र में भी भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में सम्मिलित है।
सरल-सहज अजीम प्रेमजी ने विलक्षण उपलब्धियाँ प्राप्त की हैं। सन् 2000 में ‘एशियावीक’ पत्रिका ने उन्हें विश्व के 20 सर्वाधिक शक्तिशाली व्यक्तियों में शामिल किया। वे ‘फोर्ब्स’ की 2001 से 2003 की विश्व की 50 सर्वाधिक धनी व्यक्तियों की सूची में भी शामिल थे। सन् 2004 में ‘टाइम्स’ पत्रिका ने उन्हें विश्व के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया। सन् 2005 में भारत सरकार ने उन्हें प्रतिष्ठित ‘पद्मभूषण’ से तथा 2011 में ‘पद्मविभूषण’ से सम्मानित किया।
बच्चों की पढ़ाई के लिए उन्होंने ‘अजीम प्रेमजी फाउंडेशन’ की स्थापना की। यह बिना लाभवाला संगठन है। इसका उद्देश्य बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देकर उन्हें ऊपर उठाना, समानता का भाव पैदा करना और उन बच्चों को समाज में सम्मानपूर्वक जीने की कला सिखाना है। इस संगठन की स्थापना 2001 में हुई और देश के 13 राज्यों में यह कार्यशील है।
ऐसे समाजसेवी, परोपकारी सफल बिजनेसमैन अजीम प्रेमजी की प्रेरक जीवनगाथा। “एन. चोक्कन का पूरा नाम नागा सुब्रमण्यन चोक्कनाथन है। वे तमिल भाषा के जानेमाने फ्रीलांस लेखक हैं। तमिल में इनकी तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। विज्ञान, जीवनी एवं बाल साहित्य इनके प्रिय विषय हैं। इसके अलावा उनकी अनेक पुस्तकों का अंग्रेजी, मलयाळम, गुजराती में भाषांतर हो चुका है।तमिल की पत्र-पत्रिकाओं में इनके लेख-आलेख निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं।संप्रति बंगलौर की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में निदेशक के पद पर कार्यरत हैं।
पृष्ठ 144 रु300
Categories: Hindi Books / हिन्दी पुस्तकें, जीवनी, बेस्ट सेलर, व्यक्तित्व विकास Tags: Best self help books in Hindi, बेस्ट मोटिवेशनल बुक₹300.00 -
आरंभिक भारतीय
₹350.00 Add to cartआरंभिक भारतीय
टोनी जोसेफ़
हम भारतीय कौन हैं?
हम कहाँ से आए थे?इन गहन सवालों के जवाबों को जानने के लिए पत्रकार टोनी जोसेफ़ 65,000 वर्ष अतीत में जाते हैं, जब आधुनिक मानवों या होमो सेपियन्स के एक समूह ने सबसे पहले अफ़्रीका से भारतीय उपमहाद्धीप तक का सफ़र तय किया था। हाल के डीएनए प्रमाणों का हवाला देते हुए वे भारत में आधुनिक मानवों के बड़े पैमाने पर हुए आगमन यानी ईरान से 7000 ईसा पूर्व और 3000 ईसा पूर्व के बीच कृषकों के आगमन तथा 2000 ईसा पूर्व और 1000 ईसा पूर्व के बीच मध्य एशियाई स्टेपी (घास के मैदान) से अन्य लोगों के साथ ही पशुपालकों के आगमन का भी पता लगाते हैं।
आनुवांशिक विज्ञान और अन्य अनुसंधानों के परिणामों का उपयोग करते हुए जोसेफ़ जब हमारे इतिहास की परतों का ख़ुलासा करते हैं, तब उनका सामना भारत के इतिहास के कुछ सबसे विवादास्पद और असहज सवालों से होता है :• हड़प्पा के लोग कौन थे?
• क्या आर्यों का भारत में वास्तव में आगमन हुआ था?
• क्या उत्तर भारतीय आनुवांशिक रूप से दक्षिण भारतीयों से भिन्न हैं?यह एक बेहद महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जो प्रामाणिक और साहसी तरीक़े से आधुनिक भारत की वंशावली से जुड़ी चर्चाओं पर विराम लगाती है। यह पुस्तक न केवल हमें यह दिखाती है कि आधुनिक भारत की जनसंख्या के वर्तमान स्वरूप की रचना कैसे हुई, बल्कि इस बारे में भी निर्विवाद और महत्वपूर्ण सत्य का ख़ुलासा करती है कि हम कौन हैं।
हम सब बाहर से आकर बसे हैं
और हम सब मिश्रित जाति के हैंटोनी जोसेफ़
बिज़नेसवर्ल्ड के पूर्व संपादक टोनी जोसेफ़ अनेक शीर्ष अख़बारों और पत्रिकाओं में कॉलम लिखते रहे हैं। उन्होंने हिंदुस्तान के प्रागितिहास पर भी अनेक प्रभावशाली लेख लिखे हैं।
AWARDS Received for this book:
- Best non-fiction books of the decade (2010-2019) – The Hindu.
- Book of the Year Award (non-fiction), Tata Literature Live, 2019 – The Wire.
- Shakti Bhatt First Book Prize 2019 – The Indian Express.
- Atta Galatta Award for best Non-Fiction, 2019 – Deccan Herald.
- One of the 10 Best New Prehistory Books To Read In 2020, as identified by Book Authority.
पृष्ठ 226 रु350
₹350.00
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