हिन्दी भाषा का विकास – गोपाल राय
₹199.00
हिन्दी भाषा का विकास
हिन्दी भाषा का विकास
गोपाल राय
यह पुस्तक संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग के अतिरिक्त विश्वविद्यालय की परीक्षाओं के लिए भी अत्यन्त उपयोगी है। पुस्तक IAS/PCS के हिन्दी साहित्य प्रथम प्रश्न-पत्र(वैकल्पिक विषय) के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। हिन्दी भाषा एवं नागरी लिपि के इतिहास सम्बन्धी प्रत्येक बिन्दु का सुव्यवस्थित अध्ययन इस किताब में शामिल है।
पृष्ठ-288 रु199
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21 वीं सदी के लिए 21 सबक़
₹399.00 Add to cart21 वीं सदी के लिए 21 सबक़
21 वीं सदी के लिए 21 सबक़
युवाल नोआ हरारी
सेपियन्स ने
अतीत का विश्लेषण किया हैहोमो डेयस ने
भविष्य का विश्लेषण किया है21 सबक़ ने
वर्तमान का विश्लेषण किया हैहम स्वयं को परमाणु युद्ध, परिस्थितिकीय विनाश और प्रौद्योगिकीय विध्वंस से कैसे बचा सकते हैं? झूठी ख़बरों की महामारी या आतंकवाद के खतरे के बारे में हम क्या कर सकते हैं ? हमें अपने बच्चों को क्या शिक्षा देनी चाहिए ?
युवाल नोआ हरारी हमें वर्तमान के अति महत्वपूर्ण मुद्दों की रोमांचक यात्रा पर ले जाते हैं।
निरन्तर भ्रम उत्पन्न करने वाले परिवर्तन के इस दौर में हम अपनी सामूहिक और वैक्तिक एकाग्रता को कैसे बरकरार रखें, यह चुनौती ही रोमांच और उमंग पैदा करने वाली इस नई पुस्तक का मूल बिंदु है। क्या हम अभी भी इस दुनिया को समझने में सक्षम हैं जो हमने रची हैं ?युवाल नोआ हरारी ने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएच डी की उपाधि प्राप्त की है और विश्व इतिहास में विशेज्ञता हासिल करने के बाद वे हिब्रू विश्वविद्यालय, यरूशलम में अध्यापन करते हैं। उनकी दो पुस्तकें ‘सेपियन्स: अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमनकाइंड’ और ‘होमो डेयस : अ ब्रीफ़ हिस्ट्री ऑफ़ टुमारो’ अंतराष्ट्रीय स्टार पर चर्चित हो चुकी हैं।
पृष्ठ 352 रु399
₹399.00 -
इकिगाई
Rated 4.60 out of 5₹350.00 Add to cartइकिगाई
लम्बे और खुशहाल जीवन
का जापानी रहस्यहेक्टर गार्सिया और फ़्रान्सेस्क मिरालेस
इकिगाई के बारे में अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलिंग गाइड से जानें
दीर्घायु होने और खुशहाल जीवन जीने का जापानी रहस्यजापान के लोग विश्वास करते हैं कि इकिगाई हर एक के भीतर छिपा होता है – यह हर सुबह नींद से जागने की वजह होती है। प्रेरणा और सांत्वना देने वाली यह पुस्तक आपको अपना व्यक्तिगत इकिगाई खोजने में मदद के लिए जीवन में परिवर्तन लाने वाले साधन उपलब्ध कराएगी। यह आपको दिखलाएगी कि कैसे अनावश्यक भार को पीछे छोड़कर अपना उद्देश्य हासिल किया जाए, मित्रता को विकसित किया जाए और स्वंय को अपने जुनून के लिए समर्पित किया जाए।
लेखक के बारे में
हेक्टर गार्सिया जापान के नागरिक हैं, जहाँ कि वह एक दशक से अधिक समय से रह रहे हैं। वह स्पेन के भी नागरिक हैं, जहाँ कि उनका जन्म हुआ था। वह जापानी संस्कृति के बारे में कर्इ पुस्तकों के लेखक हैं जिनमें से दो पुस्तकें – अ गीक इन जापान और इकिगार्इ दुनिया की बेस्टसेलर्स में शुमार हैं। पूर्व में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर रहे हेक्टर जापान में बसने से पहले स्विट्ज़रलैंड के सी र्इ आर एन में काम कर चुके हैं।
फ़्रान्सेस्क मिरालेस बेहतर जीवन कैसे जिएँ विषय पर पुरस्कार प्राप्त अंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर किताबों के लेखक हैं। साथ ही उन्होंने लव इन स्मॉल लेटर्स और वाबी-साबी उपन्यास भी लिखे हैं। हेक्टर गार्सिया के साथ उनका जापान के ओकिनावा में स्वागत किया गया, जहाँ के निवासी दुनिया की किसी भी अन्य जगह से ज़्यादा लम्बा जीवन जीते हैं। वहाँ उन्हें सौ भी अधिक ग्रामीणों से उनकी लंबी और ख़ुशहाल ज़िंदगी के दर्शन के बारे में साक्षात्कार करने का मौक़ा मिला।
Ikkigai / Ikigayi
डीलक्स हार्ड बाउंड एडिशन
पृष्ठ 194 रु350₹350.00 -
मानवता का वध
₹60.00 Add to cartमानवता का वध
आर पी गांधी
लेखक आर. पी. गान्धी अपनी पुस्तक “मानवता का वध’ की मूल को लिखवाते हुए। साथ में श्री शिवदयाल सिंह मूल प्रति लिखते हुए।
1. श्री आर. पी. गान्धी द्वारा चावलों से भरा लोटा चाकुद्वारा उठाया जाना।
2. डा. इन्द्रजीत कमल जिह्वा में सें त्रिशूल निकालते हुए।
3. डा. इन्द्रजीत कमल एक फूल से एक बहुत बड़ा गुलदस्ता बनाते हुए।Tarksheel / Tarkshil
रु 60
Categories: Hindi Books / हिन्दी पुस्तकें, आलोचना, क्रान्तिकारी साहित्य, तर्कशील, नास्तिकता किताबें, व्यक्तित्व विकास Tag: Study₹60.00 -
द लास्ट गर्ल – नादिया मुराद
₹299.00 Add to cartद लास्ट गर्ल – नादिया मुराद
नादिया मुराद एक साहसी यज़ीदी युवती हैं जिन्होंने आईएसआईएस की कैद में रहते हुए यौन उत्पीड़न और अकल्पनीय दुख सहन किया है। नादिया के छह भाइयों की हत्या के बाद उनकी माँ को मार दिया गया और उनके शव कब्रिस्तान में दफ़ना दिए गए।
परंतु नादिया ने हिम्मत नहीं हारी।
यह संस्मरण, इराक में नादिया के शांतिपूर्ण बचपन से लेकर क्षति और निर्ममता, और फिर जर्मनी में उनके सुरक्षित लौटने तक का प्रेरणादायक सफ़र है। नादिया पर एलेक्ज़ैंड्रिया बॉम्बाख़ ने ऑन हर शोल्डर्स नामक फ़िल्म बनाई है, उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और वह संयुक्त राष्ट्र के डिग्निटी ऑफ़ सरवाइवर्स ऑफ़ ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग की पहली गुडविल एंबेसेडर भी हैं। इस किताब का सबसे बड़ा संदेश है : साहस और प्रमाण के साथ अपनी बात कहने से दुनिया को बदला जा सकता है।
यह पुस्तक यज़ीदियों द्वारा सहन किए गए अत्याचार की सशक्त अभिव्यक्ति और उनके समुदाय की आध्यात्मिक संस्कृति की झलक प्रदान करती है… यह एक साहसी महिला द्वारा लिखी एक महत्वपूर्ण पुस्तक है।
-ईअन बिरेल, द टाइम्स
एक साहसिक किताब… जो लोग तथाकथित इस्लामिक स्टेट के बारे में जानना चाहते हैं उन्हें यह पुस्तक पढ़नी चाहिए।
– द इकोनॉमिस्ट
नादिया मुराद मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। उन्हें वक्लेव हैवेल मानवाधिकार पुरस्कार और सखारोव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह संयुक्त राष्ट्र के डिग्निटी ऑफ़़ सरवाइवर्स ऑफ़ ह्यूमन ट्रैफ़िकिंग की पहली गुडविल एंबेसेडर भी हैं। वह यज़ीदियों की एक संस्था यज़दा के साथ मिलकर इस्लामिक स्टेट को नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराधों के कई मामलों में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में सज़ा दिलावाने पर काम कर रही हैं। वह नादियाज़ इनिशिएटिव नाम का एक कार्यक्रम भी चलाती हैं, जो नरसंहार और गु़लामी से पीड़ित रह चुके लोगों के कल्याण और उनके समुदाय को पुनर्स्थापित करने की दिशा में काम करता है।
जेना क्राजेस्की, न्यू यॉर्क की एक पत्रकार हैं। तुक, मिस्र, इराक और सीरिया में उनके द्वारा किया काम न्यू यॉर्कर, स्लेट, द नेशन, वर्जीर्निया क्वाटर्ली रिव्यू और अन्य जगहों पर छपा है और ऑनलाइन भी प्रकाशित हुआ है। जेना, 2016 में मिशिगन यूनिवर्सिटी की नाइट-वॉलेस फे़लो भी रह चुकी हैं।
पृष्ठ 264 + 08 कलर फोटो पेजेज रु299
Categories: Hindi Books / हिन्दी पुस्तकें, Nadia Murad: Books, जीवनी, तर्कशील, नारीवादी, नास्तिकता किताबें, बेस्ट सेलर, स्त्री विमर्श, स्वतंत्र विचार Tag: Biography₹299.00
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