डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर – सूर्यनारायण रणसुभे
₹75.00
डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर
सूर्यनारायण रणसुभे
जाति और अस्पृश्यता के दलदल में फँसे भारतीय समाज को उबारने का उपक्रम करनेवालों में डॉ. आम्बेडकर अग्रणी हैं। दुर्दम्य जिजीविषा वाले बाबासाहेब जैसे सत्पुरुष किसी-किसी देश में पैदा होते हैं। उन्होंने स्वाधीनता आन्दोलन, मज़दूर आन्दोलन, प्रशासन और समाज को एक साथ प्रभावित किया।
बाबासाहेब ने आकाशवाणी पर दिए गए अपने एक भाषण में कहा था, “शंकराचार्य के दर्शन के कारण हिन्दू समाज-व्यवस्था में जाति-संस्था और विषमता के बीज बोए गए। मैं इसे नकारता हूँ। मेरा सामाजिक दर्शन केवल तीन शब्दों में रखा जा सकता है। ये शब्द हैं—स्वतंत्रता, समता और बन्धुभाव। मैंने इन शब्दों को फ़्रेंच राज्य क्रान्ति से उधार नहीं लिया है। मेरे दर्शन की जड़ें धर्म में हैं, राजनीति में नहीं। मेरे गुरु बुद्ध के व्यक्तित्व और कृतित्व से मुझे ये तीन मूल्य मिले हैं।” डॉ. रणसुभे की यह पुस्तक बाबासाहेब के व्यक्तित्व और कृतित्व को प्रामाणिक स्वरूप में प्रस्तुत करती है।
पृष्ठ 136 रु75
Reviews
There are no reviews yet.