Description
Sikh Bhayiom Se Kuchch Bathen – Makhan Singh Jowhal
₹40.00
मक्खन सिंह जौहल लेखक नहीं है और न ही उसने कभी लेखक होने का दावा किया है। वह मार्क्सवादी विचारधारा को मानने वाला सियासी व्यक्ति है। शब्द चीज़ है । इसलिए इसके स्थान पर हमें ‘ राजनैतिक व्यक्ति वाक्य का उपयोग करना पडेगा। मार्क्सवादी फलसफा और विधि-विज्ञान प्रारंभ से ही उसकी रग-रग में समाया हुआ है। क्योंकि यह विद्या उसे विरासत में मिली है। कामरेड बूझा सिंह जी उसके नाना जो थे। इस पुस्तक में शामिल सभी निबंध विदेशों के पंजाबी अखबारों में प्रकाशित हो चुके हैं । इन निबंधों का अध्यन करने पर यह स्वत: ही स्पष्ट हो जाएगा कि साथी मक्खन सिंह जौहल ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हल्कों में घटने वाली राजनैतिक घटनाओं का चेतन्य तौर पर नोटिस लिया है| उनके बारे में टिप्पणियां की हैं, उनका विशलेषण और मूल्यांकन किया है तथा भविष्य के बारे में अपने अनुमान और परिकल्पनाएं पेश की हैं |
ऐतिहासिक पदार्थवादी उसका रास्ता है और द्वंद उसका विधि-विज्ञान । कठिन विषयों को उसने बहुत ही सरल भाषा में हमें समझाने का प्रयास किया है । उसका मकसद, आम लोगों को इन घटनाओं की जानकारी देते हुए उन्हें तथ्यों से आगाह करने के साथ-साथ इनके अच्छे-बुरे पक्षों से सचेत करना भी था। अपनी जमाती लड़ाई लड़ने का उसका यह अपना ढंग है । उसने जमाती संघर्ष का हथियार अपनी कलम को बनाया है। वह सिर्फ कलमी सिपाही ही नहीं है अपुति इंगलैंड में चल रहे जमाती-संघर्ष में तन, मन और धन से शामिल भी है । आम आदमी की विशेष के साथ हो रही लड़ाई से लेकर उसकी लड़ाई पूँजीवाद और साम्राज्यवाद के प्रतिदिन बदल रहे घिनौने रूपों के खिलाफ चलती है । वह राजनैतिक लेखक है, उसे कलम के स्वर के बारे में पता है । उसके इस प्रयास का मैं स्वागत करता हूँ ।
– स्वरन चंदन (डा.)
रु 40
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