Description
Lekin Ye Sach Hai
₹100.00
तर्कशील सोसायटी हरियाणा के संस्थापक श्री राजा राम हंडिआया किसी जान पहचान के मोहताज नहीं हैं | वह पहले भी दो पुस्तकें ‘ परमात्मा कब कहां और केसे ‘ और ‘कैसा गुरु कैसी मुक्ति ‘ पाठकों को भेंट कर चुकें हैं । यह पुस्तक ‘ लेकिन ये सच्च है ‘ उनकी तीसरी पुस्तक है । इस पुस्तक में उन्होंने अपने तर्कों से अंध विशवासों पर गहरा प्रहार किया है । उनकी पहली पुस्तकों की तरह यह पुस्तक भी लोगों को अपनी होनी के आप मालिक बनना सिखाएगी । इसके साथ ही यह लोगों की सोच वैज्ञानिक बनाएगी । पाठकों के सुझावों का हमें इंतजार रहेगा।
– मेघ राज मित्र
संस्थापक तर्कशील सोसायटी भारत
Tarksheel / Tarkshil
रु 100
Reviews
There are no reviews yet.