कैसा गुरु? कैसी मुक्ति?
₹60.00
राजा राम हंडियाया
तर्कशील सोसायटी हरियाणा के प्रधान श्री राजा राम हंडियाया की प्रथम पुस्तक ‘ परमात्मा कब कहां और कैसे ?” की सफल प्राप्ति के बाद यह दूसरी पुस्तक ” कैसा गुरू? कैसी मुक्ति ” भी अंधविश्वासों तथा धर्म, गुरू व मोक्ष की पुरातन व गैरवैज्ञानिक धारणाओं को खत्म करने व नई चेतना लाने में एक कारगर हथियार साबित होगी ।
– मेघ राज मित्र
प्रधान तर्कशील सोसायटी भारत
Tarksheel / Tarkshil
रु 60
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मैं नास्तिक क्याें हूँ – भगतसिंह
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और ‘ड्रीमलैण्ड’ की भूमिका
भगतसिंह
‘मैं नास्तिक क्यों हूँ’ में भगतसिंह ने सृष्टि के विकास और गति की भौतिकवादी समझ पेश करते हुए उसके पीछे किसी मानवेतर ईश्वरीय सत्ता के अस्तित्व की परिकल्पना को वैज्ञानिक ढंग से निराधार सि( किया है। ‘ड्रीमलैण्ड की भूमिका’ में कृति की समीक्षा करते हुए भगतसिंह ने समाज-व्यवस्था, जीवन, क्रान्ति और भावी समाज के बारे में जो विचार प्रस्तुत किये हैं वे उनकी विकसित हो रही वैज्ञानिक भौतिकवादी दृष्टि का पता देते हैं। साथ ही इसमें उन्होंने अपने से पहले के क्रान्तिकारी आन्दोलन और उसकी विचारधारा की जो समीक्षा की है वह इस बात का स्पष्ट
प्रमाण है कि पुराने क्रान्तिकारी मध्यमवर्गीय आतंकवाद के विचारों से नाता तोड़कर भगतसिंह आगे बढ़ चुके थे।आज भी नौजवानों में जो तरह-तरह के प्रतिगामी विचार, अवैज्ञानिक दृष्टिकोण, अन्धविश्वास, नियतिवाद आदि व्याप्त हैं, उन्हें देखते हुए भगतसिंह के ये दोनों लेख आज भी बहुत प्रासंगिक हैं। ये लेख हमें भारतीय मुक्तिसंघर्ष के इतिहास में क्रान्तिकारी आन्दोलन और भगतसिंह के बारे में नये सिरे से सोचने के लिए विवश तो करते ही हैं,
क्रान्तिकारी वैज्ञानिक चिन्तन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।पृष्ठ 36 रु59
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लेकिन ये सच है
₹100.00 Add to cart Buy nowलेकिन ये सच है
राजा राम हंडिआया
तर्कशील सोसायटी हरियाणा के संस्थापक श्री राजा राम हंडिआया किसी जान पहचान के मोहताज नहीं हैं | वह पहले भी दो पुस्तकें ‘ परमात्मा कब कहां और केसे ‘ और ‘कैसा गुरु कैसी मुक्ति ‘ पाठकों को भेंट कर चुकें हैं । यह पुस्तक ‘ लेकिन ये सच्च है ‘ उनकी तीसरी पुस्तक है । इस पुस्तक में उन्होंने अपने तर्कों से अंध विशवासों पर गहरा प्रहार किया है । उनकी पहली पुस्तकों की तरह यह पुस्तक भी लोगों को अपनी होनी के आप मालिक बनना सिखाएगी । इसके साथ ही यह लोगों की सोच वैज्ञानिक बनाएगी । पाठकों के सुझावों का हमें इंतजार रहेगा।
– मेघ राज मित्र
संस्थापक तर्कशील सोसायटी भारतTarksheel / Tarkshil
रु 100
Category: Hindi Books / हिन्दी पुस्तकें Tag: Study₹100.00 -
आरंभिक भारतीय
₹350.00 Add to cart Buy nowआरंभिक भारतीय
टोनी जोसेफ़
हम भारतीय कौन हैं?
हम कहाँ से आए थे?इन गहन सवालों के जवाबों को जानने के लिए पत्रकार टोनी जोसेफ़ 65,000 वर्ष अतीत में जाते हैं, जब आधुनिक मानवों या होमो सेपियन्स के एक समूह ने सबसे पहले अफ़्रीका से भारतीय उपमहाद्धीप तक का सफ़र तय किया था। हाल के डीएनए प्रमाणों का हवाला देते हुए वे भारत में आधुनिक मानवों के बड़े पैमाने पर हुए आगमन यानी ईरान से 7000 ईसा पूर्व और 3000 ईसा पूर्व के बीच कृषकों के आगमन तथा 2000 ईसा पूर्व और 1000 ईसा पूर्व के बीच मध्य एशियाई स्टेपी (घास के मैदान) से अन्य लोगों के साथ ही पशुपालकों के आगमन का भी पता लगाते हैं।
आनुवांशिक विज्ञान और अन्य अनुसंधानों के परिणामों का उपयोग करते हुए जोसेफ़ जब हमारे इतिहास की परतों का ख़ुलासा करते हैं, तब उनका सामना भारत के इतिहास के कुछ सबसे विवादास्पद और असहज सवालों से होता है :• हड़प्पा के लोग कौन थे?
• क्या आर्यों का भारत में वास्तव में आगमन हुआ था?
• क्या उत्तर भारतीय आनुवांशिक रूप से दक्षिण भारतीयों से भिन्न हैं?यह एक बेहद महत्त्वपूर्ण पुस्तक है, जो प्रामाणिक और साहसी तरीक़े से आधुनिक भारत की वंशावली से जुड़ी चर्चाओं पर विराम लगाती है। यह पुस्तक न केवल हमें यह दिखाती है कि आधुनिक भारत की जनसंख्या के वर्तमान स्वरूप की रचना कैसे हुई, बल्कि इस बारे में भी निर्विवाद और महत्वपूर्ण सत्य का ख़ुलासा करती है कि हम कौन हैं।
हम सब बाहर से आकर बसे हैं
और हम सब मिश्रित जाति के हैंटोनी जोसेफ़
बिज़नेसवर्ल्ड के पूर्व संपादक टोनी जोसेफ़ अनेक शीर्ष अख़बारों और पत्रिकाओं में कॉलम लिखते रहे हैं। उन्होंने हिंदुस्तान के प्रागितिहास पर भी अनेक प्रभावशाली लेख लिखे हैं।
AWARDS Received for this book:
- Best non-fiction books of the decade (2010-2019) – The Hindu.
- Book of the Year Award (non-fiction), Tata Literature Live, 2019 – The Wire.
- Shakti Bhatt First Book Prize 2019 – The Indian Express.
- Atta Galatta Award for best Non-Fiction, 2019 – Deccan Herald.
- One of the 10 Best New Prehistory Books To Read In 2020, as identified by Book Authority.
पृष्ठ 226 रु350
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शर्लक होम्स संपूर्ण रचनाएँ – आर्थर कॉनन डॉयल [ हिन्दी ]
₹1,999.00 Add to cart Buy nowशर्लक होम्स संपूर्ण रचनाएँ – आर्थर कॉनन डॉयल [ हिन्दी ]
शर्लक होम्स संपूर्ण रचनाएँ
आर्थर कॉनन डॉयल
4 उपन्यास , 56 कहानियाँ
अब आप शेर्लॉक होम्स की उस दुनिया में जा सकते हैं जहां आप पहले कभी नहीं गए – पूरा संग्रह, अब हिंदी में उपलब्ध है पहली बार के लिए।
हालाँकि होम्स की कुछ साहसिक कहानियाँ पहले भी उपलब्ध थीं, लेकिन पूरा संग्रह अब तक हिंदी में उपलब्ध नहीं था। इसमें एक लंबा समय लगा लेकिन आखिरकार, पूरा साहित्य हिंदी में उपलब्ध है।
शेर्लॉक होम्स एक ऐसा चरित्र है जिसकी प्रतिभा ने दुनिया भर के पाठकों को प्रेरित किया है, फिर भी हिंदी में उसके साहित्य की अनुपस्थिति को गहराई से महसूस किया गया है। यह प्रकाशन उस अनुपस्थिति को भरने का प्रयास करता है।
होम्स की अनुमान क्षमताओं ने न केवल पाठकों को रोमांचित किया है बल्कि इसने विश्व स्तर पर पुलिस विभागों को भी प्रेरणा प्रदान की। यह एक समय चीन में पुलिस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का हिस्सा था।
रहस्यों को सुलझाने के रोमांच से परे, ये कहानियाँ युवा मन में आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करती हैं, जिससे ये किसी भी मूल भाषा में पढ़ने के लिए आवश्यक हो जाती हैं।
इसलिए, यदि आप होम्स को अपनी मातृभाषा में पढ़ना चाहते हैं, तो आपका इंतजार खत्म हो गया है। यह पुस्तक आपके बुकशेल्फ़ में एक पसंदीदा स्थान घेरने वाली है।
✔️ Semi hard bound ✔️ Delux printing ✔️ Text book quality inside pages
पृष्ठ 1568 , रु1999
₹1,999.00
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