Description
Hindi translation of “Bygone Godmen” by Abraham T Kovoor
₹200.00
1984 के काले दौर के समय में मुझे एक अंग्रेजी की किताब 860०6 50070 मिली थी। मैंने वह किताब पढ़ी और इसने मेरे मन पर गहरी छाप छोड़ी | मैंने वह किताब पढ़ने के लिए किसी ऐसे दोस्त अध्यापक को दी जिसके बारे में यह प्रसिद्ध था कि वह तो “वाल की खाल ” निकालने में माहिर है। उसने वह किताब पढ़ी व कहने लगा कि ” मुझे यह में भी खरीद सकता हूं।” मैंने उससे पूछा कि, “ “तुम तो किसी चीज पर दो पैसे खरच नही करते | तुम इस पर इतने पैसे खर्च करने के लिए क्यों तैयार हो ?” तो वह कहने लगा, ” मैंने इस किताब से पंद्रह सौ रुपये कमाने हैं ।” वह कैसे ? ” मेरी पत्नी एक ज्योतिषी के चक्कर में पिछले तीन वर्ष से फंसी हुई है और वह मेरे घर में से तीन हज़ार रुपये ठग चुका है। दो वर्ष के उसके उपाय बताए हुए हैं । जिसका मतलब है दो हज़ार रुपये और ले के जाऐगा। इस लिए मैं पांच सौ रुपये खर्च करके पंद्रह सौ रुपये कमा सकता हूं।” उस द्वारा कही गई इस बात से प्रभावित होकर ही मैंने इस किताब का अनुवाद सरजीत तलवार की सहायता से कर लिया और ‘ … ते देव पुरुष हार गए’ के नाम पर पंजाबी में छापी | किताब छपने पर लोग काफिले बना कर हमारे घरों को आने लगे। इस प्रकार लोगों से सीख कर उनकों सिखाने का सिलसिला तर्कशील लहर का विस्तार करता गया। किताब ‘…और देव पुरुष हार गये’ के बाद हमने डा. अब्राहम टी. कोवूर जी की दूसरी किताब ‘देव और दानव ‘ का भी पंजाबी अनुवाद करके प्रकाशित को । इस किताब को भी पाठकों से भरपूर प्रोत्साहन मिला है । पाठकों की मांग पर ही हमने इन किताबों का हिन्दी में अनुवाद किया | किताब ‘ …और देव पुरुष हार गये ‘ नयां एडिशन जारी करने की खुशी ले रहे हैं ।
– मेघ राज मित्तर
Tarksheel / Tarkshil
रु 200
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