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भगवान भ्रम – रिचर्ड डॉकिन्स [हिंदी अनुवाद]
₹599.00 Add to cart Buy nowभगवान भ्रम – रिचर्ड डॉकिन्स [हिंदी अनुवाद]
भगवान भ्रम
रिचर्ड डॉकिन्स
रिचर्ड डॉकिंस, अंग्रेजी में एक प्रसिद्ध और बेस्टसेलर, ‘द गॉड डिल्यूजन’ नामक एक बेहद लोकप्रिय पुस्तक बन गई है और दुनिया भर की कई भाषाओं में इसका अनुवाद किया गया है। यह पुस्तक ‘द गॉड डिल्यूजन’ का हिंदी अनुवाद है।
‘अगर आप जानना चाहते हैं कि मेरा मन क्या है, तो गॉड डिल्यूजन पढ़ें’
– कमल हासन, सुपर स्टारएक ऐसी किताब जिसने दुनिया भर के लाखों लोगों के दिमाग को प्रभावित और बदल दिया।पृष्ठ 412 रु599
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सेपियन्स – मानव जाति का संक्षिप्त इतिहास
₹599.00 Add to cart Buy nowसेपियन्स – मानव जाति का संक्षिप्त इतिहास
डॉ युवाल नोआ हरारी
डॉ. युवाल नोआ हरारी द्वारा लिखित किताब ‘सेपियन्स’ में मानव जाति के संपूर्ण इतिहास को अनूठे परिप्रेक्ष्य में अत्यंत सजीव ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह प्रस्तुतिकरण अपने आप में अद्वितीय है। प्रागैतिहासिक काल से लेकर आधुनिक युग तक मानव जाति के विकास की यात्रा के रोचक तथ्यों को लेखक ने शोध पर आधारित आँकडों के साथ इस तरह शब्दों में पिरोया है कि यह किताब निश्चित रूप से मॉर्डन क्लासिक किताबों की श्रेणी में शुमार होगी।
करीब 100,000 साल पहले धरती पर मानव की कम से कम छह प्रजातियाँ बसती थीं, लेकिन आज स़िर्फ हम (होमो सेपियन्स) हैं। प्रभुत्व की इस जंग में आख़िर हमारी प्रजाति ने कैसे जीत हासिल की? हमारे भोजन खोजी पूर्वज शहरों और साम्राज्यों की स्थापना के लिए क्यों एकजुट हुए? कैसे हम ईश्वर, राष्ट्रों और मानवाधिकारों में विश्वास करने लगे? कैसे हम दौलत, किताबों और कानून में भरोसा करने लगे? और कैसे हम नौकरशाही, समय-सारणी और उपभोक्तावाद के गुलाम बन गए? आने वाले हज़ार वर्षों में हमारी दुनिया कैसी होगी? इस किताब में इन्हीं रोचक सवालों के जवाब समाहित हैं।
‘सेपियन्स’ में डॉ. युवाल नोआ हरारी ने मानव जाति के रहस्यों से भरे इतिहास का विस्तार से वर्णन किया है। इसमें धरती पर विचरण करने वाले पहले इंसानों से लेकर संज्ञानात्मक, कृषि और वैज्ञानिक क्रांतियों की प्रारम्भिक खोजों से लेकर विनाशकारी परिणामों तक को शामिल किया गया है। लेखक ने जीव-विज्ञान, मानवशास्त्र, जीवाश्म विज्ञान और अर्थशास्त्र के गहन ज्ञान के आधार पर इस रहस्य का अन्वेषण किया है कि इतिहास के प्रवाह ने आख़िर कैसे हमारे मानव समाजों, हमारे चारों ओर के प्राणियों और पौधों को आकार दिया है। यही नहीं, इसने हमारे व्यक्तित्व को भी कैसे प्रभावित किया है।
डॉ युवाल नोआ हरारी
डॉ युवाल नोआ हरारी के पास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी है और अब वे हिब्रू विश्वविद्यालय में विश्व इतिहास के विशेषज्ञ हैं। सेपियन्स : मानव जाति का एक संक्षिप्त इतिहास ने विश्व भर से प्रशंसक हासिल किये हैं, इन में बिल गेट्स, बराक ओबामा और जर्विस कॉकर जैसे नाम शामिल हैं। इसे अब तक 50 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित किया जा चुका है। यह संडे टाइम्स में नंबर एक बेस्टसेलर रही और पेपरबैक रूप में नौ महीने से अधिक के लिए शीर्ष दस में थी। ‘द गार्जियन’ द्वारा सेपियन्स को उत्कृष्ट, सबसे अधिक पढ़ने योग्य और इस सदी की सबसे महत्वपूर्ण किताब के रूप में वर्णित किया गया है।
प्राफेसर हरारी नियमित रूप से अपनी किताबों और लेखों में खोजे गए विषयों पर दुनिया भर में व्याख्यान देते हैं। वे गार्जियन, फाइनेंशियल टाइम्स, द टाइम्स, नेचर पत्रिका और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसे समाचार पत्रों के नियमित रूप से लेख भी लिखते हैं। वह स्वैच्छिक आधार पर विभिन्न संगठनों और दर्शकों को अपना ज्ञान और समय भी प्रदान करते हैं।Sapiens Hindi – Manav Jati Ka Samkshipt Itihas
डिलीवरी पर नकद / ऑनलाइन पेमेंट उपलब्ध
पृष्ठ 454 रु599₹599.00 -
मैं नास्तिक क्याें हूँ – भगतसिंह
₹59.00 Add to cart Buy nowमैं नास्तिक क्याें हूँ – भगतसिंह
मैं नास्तिक क्याें हूँ
और ‘ड्रीमलैण्ड’ की भूमिका
भगतसिंह
‘मैं नास्तिक क्यों हूँ’ में भगतसिंह ने सृष्टि के विकास और गति की भौतिकवादी समझ पेश करते हुए उसके पीछे किसी मानवेतर ईश्वरीय सत्ता के अस्तित्व की परिकल्पना को वैज्ञानिक ढंग से निराधार सि( किया है। ‘ड्रीमलैण्ड की भूमिका’ में कृति की समीक्षा करते हुए भगतसिंह ने समाज-व्यवस्था, जीवन, क्रान्ति और भावी समाज के बारे में जो विचार प्रस्तुत किये हैं वे उनकी विकसित हो रही वैज्ञानिक भौतिकवादी दृष्टि का पता देते हैं। साथ ही इसमें उन्होंने अपने से पहले के क्रान्तिकारी आन्दोलन और उसकी विचारधारा की जो समीक्षा की है वह इस बात का स्पष्ट
प्रमाण है कि पुराने क्रान्तिकारी मध्यमवर्गीय आतंकवाद के विचारों से नाता तोड़कर भगतसिंह आगे बढ़ चुके थे।आज भी नौजवानों में जो तरह-तरह के प्रतिगामी विचार, अवैज्ञानिक दृष्टिकोण, अन्धविश्वास, नियतिवाद आदि व्याप्त हैं, उन्हें देखते हुए भगतसिंह के ये दोनों लेख आज भी बहुत प्रासंगिक हैं। ये लेख हमें भारतीय मुक्तिसंघर्ष के इतिहास में क्रान्तिकारी आन्दोलन और भगतसिंह के बारे में नये सिरे से सोचने के लिए विवश तो करते ही हैं,
क्रान्तिकारी वैज्ञानिक चिन्तन की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए भी प्रेरित करते हैं।पृष्ठ 36 रु59
₹59.00 -
होमो डेयस – आने वाले कल का संक्षिप्त इतिहास
₹450.00 Add to cart Buy nowहोमो डेयस – आने वाले कल का संक्षिप्त इतिहास
युवाल नोआ हरारी
बेस्टसेलिंग पुस्तक सेपियन्स: मन जाति का संक्षिप्त इतिहास के लेखक युवाल नोआ हरारी एक ऐसी दुनिया की कल्पना प्रस्तुत करते हैं जो बहुत ज़्यादा दूर नहीं है, और जिसमें हम सर्वथा नयी चुनौतियों का सामना करने वाले हैं।
होमो डेयस उन परियोजनाओं, स्वप्नों और दुःस्वप्नो की पड़ताल करती है जो इक्कीसवीं सदी को आकार देने वाले हैं – मृत्यु पर विजय प्राप्त करने से लेकर कृत्रिम जीवन की रचना तक। यह किताब कुछ बुनियादी सवाल पूछती है: हम यहाँ से कहाँ जाएँगे? और हम अपनी ही विनाशकारी शक्तियों से इस नाज़ुक संसार की रक्षा कैसे करेंगे?सेपियन्स ने हमें बताया हम कहाँ से आये थे
होमो डेयस हमें बताती है कि हम कहाँ जा रहे हैंडॉ. युवाल नोआ हरारी के पास ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से इतिहास में पीएचडी है और अब वे हिब्रू विश्वविद्यालय में विश्व इतिहास के विशेषज्ञ हैं। सेपियन्स : मानव जाति का एक संक्षिप्त इतिहास ने विश्व भर से प्रशंसक हासिल किये हैं, इन में बिल गेट्स, बराक ओबामा और जर्विस कॉकर जैसे नाम शामिल हैं। इसे अब तक 50 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित किया जा चुका है। यह संडे टाइम्स में नंबर एक बेस्टसेलर रही और पेपरबैक रूप में नौ महीने से अधिक के लिए शीर्ष दस में थी। ‘द गार्जियन’ द्वारा सेपियन्स को उत्कृष्ट, सबसे अधिक पढ़ने योग्य और इस सदी की सबसे महत्वपूर्ण किताब के रूप में वर्णित किया गया है।
प्राफेसर हरारी नियमित रूप से अपनी किताबों और लेखों में खोजे गए विषयों पर दुनिया भर में व्याख्यान देते हैं। वे गार्जियन, फाइनेंशियल टाइम्स, द टाइम्स, नेचर पत्रिका और वॉल स्ट्रीट जर्नल जैसे समाचार पत्रों के नियमित रूप से लेख भी लिखते हैं। वह स्वैच्छिक आधार पर विभिन्न संगठनों और दर्शकों को अपना ज्ञान और समय भी प्रदान करते हैं।पृष्ठ 428 रु450
₹450.00 -
कैसा गुरु? कैसी मुक्ति?
₹60.00 Add to cart Buy nowकैसा गुरु? कैसी मुक्ति?
राजा राम हंडियाया
तर्कशील सोसायटी हरियाणा के प्रधान श्री राजा राम हंडियाया की प्रथम पुस्तक ‘ परमात्मा कब कहां और कैसे ?” की सफल प्राप्ति के बाद यह दूसरी पुस्तक ” कैसा गुरू? कैसी मुक्ति ” भी अंधविश्वासों तथा धर्म, गुरू व मोक्ष की पुरातन व गैरवैज्ञानिक धारणाओं को खत्म करने व नई चेतना लाने में एक कारगर हथियार साबित होगी ।
– मेघ राज मित्र
प्रधान तर्कशील सोसायटी भारत
Tarksheel / Tarkshil
रु 60
₹60.00